अनकही बातें
एक पैगाम से शुरू हुआ था हमारा ये सफर।गुस्ताखियों से इसे हमने खत्म किया।
असर तो देखिए इस तकरार का जनाब।
वो ट्यूटर पर मशगूल हुए।
मैं नज़्म लिखता चला गया।।
दिनाँक 20 दिसंबर 2020 समय 11.00 रात
लेखक
सागर (गोरखपुरी)
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