Hello friends my name is Amit Kumar Sagar and I am a government employee, with this platform, I will tell my thoughts, my poems, stories, shayari, jokes, articles, as well as my hobbies.

Breaking

Translate

रविवार, 13 सितंबर 2020

माँ पर हिंदी कविता | best poem on mother in hindi | heart teaching poem on maa | माँ पर कुछ लाइन | कुछ पंक्तिया माँ पर | सबसे अच्छी कविता माँ पर |

                                      कविता


(इस कविता में मैने एक माँ के लिए उसकी बेटी की सोच लिखी हैं)                                                                                      

                                     माँ ही थी

         


          

ठंड से मैं कांप रही थी ।
आहट सी महसूस हुई।
आँख खुली तो कोई नही था ।
आहट नही वो माँ ही थी
ओढा के चादर वो चली गयी।
 और ठंड से मुझे बचा गई।
आँख खुली तो कोई नही था।
 आहट नही वो माँ ही थी।।
बुखार से मैं तप रही थी।
जाने कब माथा सहला गई।
दवाइयों से नफरत है मुझे।
 कब दूध में घोल वो पिला गई।
आँख खुली तो कोई नही था।
 आहट नही वो माँ ही थी।।
मेरी हर चीज की फिक्र करती है वो।
और अपनी ही फिक्र वो भुला बैठी।
हमारे सपनों के चक्कर मे वो।
अपनी दुनियां भुला बैठी।
ये सोच मैं नींद से जग गयी।
घबराकर मैं बैठ गयी।
आँख खुली तो कोई नही था।
आहट नही वो माँ ही थी।।
उसके भी हैं कुछ अपने सपने।
कुछ उसके अरमान भी है
चूल्हा चौक बच्चे शौहर।
इनसे कहाँ उसे निज़ात है।
पसीने से मैं तरबतर थी।
माँ की घोल का कमाल था।
आँख खुली तो कोई नही था।
आहट नही वो माँ ही थी।।

       दिनाँक  12 सितम्बर 2020  समय   11.00 रात्रि

                                   रचना(लेखक)

                           अमित सागर(गोरखपुरी)


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Most Recent post

रखी में ज़रूर आऊंगा !! Rakhi by Sagar Gorakhpuri !! बहनों पर कविता !! फौजियों पर हिंदी कविता !! Fouji ki Rakhi by sagar gorakhpuri !! Best kavita fouji chhuti !! Poem on indian army !! Sena par kavita in hindi !!

रखी में ज़रूर आऊंगा वादा किया है जो तुझसे तो उसे निभाउंगा। इस बार मान जा, राखी में ज़रूर आऊंगा। मैं जानता हूँ मेरे सिवा कोई नही सहारा तेरा। बस...