प्यार की शायरी
"तेरी दुआओं का असर है कि मैं ज़िंदा हूँ।वरना लोगों ने मुझे कब का मार दिया।
कुछ तो है हमारे दरमियां ये खुद जाने।
जहाँ से तू छूटा, वहाँ से हम लौटे ही नही।।"
दिनाँक 26 मई 2022 समय 10.16 सुबह
रचना(लेखक)
सागर गोरखपुरी
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