लव शायरी
"सजदा करूँ या फिर इबादत तेरी।
दुआओं में ज़िक्र या फिर जुस्तजू तेरी।
मुझे रहना है हमेशा कुर्बत में तेरी।
हर वक़्त बातें, बस तुझसे तेरी।।"
दिनाँक :04 जून 2022 समय : 03.15 शाम
रचना(लेखक) सागर गोरखपुरी
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