सच्ची शायरी
"अच्छा होता की तू मिला ना होता।
मुझे ज़िन्दगी से कोई गिला ना होता।
एक मोड़ पर ऐसी साजिश की तुमने।
नींद में रहता मैं, शायद जगा ना होता।।"
दिनाँक : 23 मई 2022 समय : 07.30 सुबह
रचना(लेखक)
सागर गोरखपुरी
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