हिन्दी कहानी
सियाचिन ग्लेशियर,फौजी की जुबानी
Siachen glacier
सियाचिन ग्लेशियर,एक फौजी की कहानी
(अभी तक इस कहानी में आप ने पढ़ा की हमारे कुछ साथी
30 फिट के बर्फ की दीवार के फिसल के कैसे बचें)
"अब आगे"
हमारा पूरा सप्ताह टेस्ट में निकलता रहा और बड़ी अच्छी बात ये थी कि हम सभी एक साथ सारे टेस्ट में पास हुए ये ट्रेनिंग हमारे लिए किसी जंग से कम नही थी जब हम सभी को टेस्ट पास होने की खबर मिली तो सच मे लग रहा था कि हमने कोई जंग फतेह कर ली हो हम सभी बहुत खुश थे ।
ये थी हमारी तीसरी चुनौती जिसने हमे तोड़ कर रख दिया था।
इस ट्रेनिंग के दौरान ही मौसम भी बदल चुका था बर्फ बारी बढ़ चुकी थी और ठंड का तो पूछिये ही मत क्या आलम था इस ट्रेंनिग में हमें कभी कभी ऐसा लगा की अब सब कुछ छोड़ कर कहीं भाग जायें, बर्दाश करने की हमारी छमता पूरी तरह खत्म हो चुकी थी बहुत तकलीफ भरा सफर था ये
अगली सुबह से एक और चुनौती अपनी बाहें खोले हमारा इन्तेज़ार कर रही थी।
और वो था हमारा तीसरा मेडिकल चेकअप, ये चेकअप हमारे सारी मेहनत पर पानी फेर देनेवाला था जो भी इस मेडिकल चेकअप में फेल हुआ उसका सफर यहीं खत्म हो जाएगा,और कुछ हुआ भी ऐसा ही था हमारे साथ, हम सभी का मेडिकल चेकअप शुरू हुआ,हमारी धड़कने डर के कारण तेज धड़क रही थी क्योंकि हम बहुत सारी कठिनाईयों और तकलीफों को पार करके यहां तक पहुंचे थे हम सभी चेकअप में फेल नही होना चाहते थे। मेडिकल चेकअप शुरू हुआ।
हम सब एक कतार में खड़े थे जिसका नम्बर बुलाया जा रहा था वो अन्दर जा रहा था और जो बाहर कतार में खड़े थे वो अपने अपने भगवान को याद कर रहे थे सिर्फ कुछ ही मिनटों में हमारी टुकड़ी का नम्बर बुलाया गया दो ही मिनट हुए थे कि हमें ये मालूम हुआ कि।।.....
भाग 11 समाप्त।।
(आगे की कहानी के लिए बने रहिये मेरे साथ)
दिनाँक 20 अगस्त 2020 समय 2.00 दोपहर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें