नारी
नारी तेरी हर बात निराली है ।
इस धारा पर तू है सबसे प्यारी।
निर्मल ह्रदय का बास है तुझमे।
साहस बेमिशाल है तुझमें।।
हर मुश्किल से लड़ने वाली।
सबके दिलों में बसने वाली।
ममता की तो मिशाल है तू।
भाइयों का अनमोल उपहार है तू।।
What is woman
बेटी तो कमाल है तू।
माँ बाप का अरमान है तू
बच्चों की प्यारी माँ है तू।
शौहर का गुलेगुल्ज़ार है तू।।
ये दुनियां सारी तेरी है।
खुला आसमां भी तेरा है।
उड़ती है तू अब नील गगन में।
ब्रह्मांड भी अब तेरा है।।
तलवारों से लड़ती थी कभी ।
अब कलम की ताकत हाथ में है।
पहुंच सकते है पुरुष जहां पर।
पहुँची वहां भी अब नारी है।।
गर्व हमें है तुझ पर ऐ नारी ।
भाग्य सवारें सबके तुमने ऐ नारी।
चाह नही है कभी कुछ खुद के लिए।
ऐसी है ये प्यारी नारी।
ऐसी है ये प्यारी नारी।।
दिनाँक 28 अगस्त 2020 समय 10.30 रात्रि
रचना(लेख़क)
अमित सागर(गोरखपुरी)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें