हिन्दी कहानी
सियाचिन ग्लेशियर,एक फौजी की जुबानी
Hindi story siachen glacier
सियाचिन ग्लेशियर, एक फौजी की जुबानी
(अभी तक आपने इस कहानी में पढ़ा कि किस तरह हम सभी अपनी ट्रेनिंग खत्म करके तीसरी बार मेडिकल चेकअप के लिए पहुंचे थे)
"अब आगे"
हमें ये मालूम हुआ कि हमारे टुकड़ी के एक जवान का सफर यहीं पर खत्म हो गया है हमें बड़ी तकलीफ हुई और अन्दर से अजीब सी उलझन महसूस हो रही थी उसके बाहर निकलते ही हम उसके करीब गये उसकी आँखों मे आँशु तो नही थे पर लग रहा था कि अभी उसके आंखों से आँशु निकल जाएंगे हमने उससे कुछ नही पूछा हमें सब मालूम हो चुका था कि चेकअप के दौरान उसका ब्लड प्रेशर 190/110 तक पहुच चुकता और अगर उसने सियाचिन ग्लेशियर का सफर किया तो उसकी जान भी जा सकती थी उसने हमसे कुछ नही बोला और वो बैरेक की तरफ चल पड़ा हममे से किसी ने उसे रोका नही, जब हम अपना चेकअप करके अपने बैरेक पहुंचे तो हम सभी ने उसे बहुत समझाया, वो समझ तो रहा पर उसके दिल की तकलीफ को हम अच्छी तरह समझ रहे थे।
अगली सुबह हम सभी एक कतार में सियाचिन कमान्डर के सामने मुखातिब हुए,कमान्डर हमें सियाचिन ग्लेशियर में होने वाली बहुत सारी परेशानियों,और मुश्किलों के साथ साथ वहां होने वाली दिक्कतों के बारे में हमसे disco's की और आखिर में उन्होंने हमें All the best.और Happy journey कहा और jai hind कहकर चले गए।
अब आगे की जो लड़ाई थी वो ज़िन्दगी और मौत की थी
अगर किसी ने इस सफर में लापरवाही की तो ज़िन्दगी सिर्फ चन्द लम्हो की होगी।
अगले दिन हमें उस सफर का इन्तेज़ार था जिसे पूरी दुनिया मे सिर्फ चन्द लोग ही कर पाते है और हमें गर्व था कि उन चन्द लोगों में हम सब भी शामिल थे ये सफर मुश्किलों भरा था पर दिल मे जो खुशी थी उसे लफ्जों में बयां कर पाना शायद थोड़ा मुश्किल था।
अगले दिन से शुरू होने वाले सफर में एक शख्स की दुआओं और मन्नतों ने मुझे जिंदा बचा लिए ।।
भाग 12 समाप्त।।
(आगे और भी रोचक बातें है जुड़े रहिये मेरे साथ)
सियाचिन ग्लेशियर भाग 13 www.amitsagar85.com/2020/09/13-hindi-story-siachen-glacier.html?m=1
दिनाँक 24 अगस्त 2020 समय 9.45 शाम
रचना(लेखक)
अमित सागर(गोरखपुरी)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें