तन्हाई क्या है ?|Hindi तन्हाई पर कविता|
तन्हाई with amit sagar.
तन्हाई
loneliness
तन्हाई खुदा का एक नायब तोहफा है।
किसी को कम किसी को जादा है।।
पढ़ाई की चाह हो या मोहब्बत की राह।
तन्हाई को बहुत कम लोगों ने समझ पाया है।।
तन्हाई बढ़ गई तो मुहब्बत का नशा है
तन्हाई कम हो गयी तो दौलत का नशा है।
तन्हाई ही है जो महब्बू को पास लाती है।
तन्हाई ही है जो सपनों को साकार बनाती है।।
तन्हाई ने हमें बहुत सताया है।
और तन्हाई में बहुत रुलाया है।
तन्हाई में जो रोते है ।
वो गम के मरीज होते है।।
इस गम का कोई इलाज नही ।
क्यूंकि तन्हाई में आवाज नही।।
तन्हाई ना होती तो बहुतों की याद ना होती।
इस लिए तन्हाई हर इंशान के हिस्से में आई है।
किसी ने काम तो किसी ने जादा पाई है।
तन्हाई का अपना अलग ही वजूद है ।
इस लिए तन्हाई ने महफ़िल तन्हाई में सजाई है।।
किसी ने हमसे कहा तन्हाई पर लिखो कुछ।
इस लिए मैं और मेरी तन्हाई ने ।
तन्हाई में हमने कलाम चलाई है।।
दिनाँक 20 सितंबर 2006 2.50 दोपहर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें