सियाचिन ग्लेशियर, एक फौजी की जुबानी
Siachen Glacier
भाग 3
चेन को बार बार हाथों में पकड़ने से हाथों की उंगलियां अकड़ रही थी ऑक्सीजन रेट 10.9 था जिससे हमें साँस लेने में भी तकलीफ हो रही थी और हम थक रहे थे। लेकिन हम हिम्मत नहीं हारे और आखिर कर हमने बड़ी मुश्किल से चेन को पहिये पे लगा दिया अब ठण्ड से हमारी हालत खराब हो चुकी थी हम किसी तरह गाड़ी में बैठे और गाड़ी चल पड़ी।
आगे का सफर और मुश्किल होने वाला था अब हम 14000 फिट ऊंचाई से 17000 फिट के ऊपर थे। ठण्ड से हमारे गुठने बिल्कुकुल ठन्डे पड़ चुके थे।
हम लगातार आगे बढ़ रहे थे और कुछ ही घंटों में हम दुनियां के सबसे ऊंचे रोड पास खारदुंगला टाप पर थे। जिसकी ऊंचाई 18380 फिट थी और तापमान -35℃ तक था।
हम सभी के सिर भारी हो रहे थे फिर हमने एक बार पानी पी और आगे बढे और करीब शाम को 7.00 बजे हम अपने बटालियन के अल्फ़ा(A) कंपनी पहुचे,ठण्ड से हम सभी के हाथ और पैर ठन्डे हो चुके थे।
हमने बाल्टी में हल्का गर्म पानी लिया और उसमें हमने अपने हाथों और पैरों को डूबा दिया,15 मिनट बाद हमारे हाथ पैरों में थोड़ी जान आयी। और फिर हमने रात के भोजन किया और सो गए अगले दिन से हमारे सामने एक और चुनैती आने वाली थी और वो था मेडिकल फिट होना, जो मेडिकल फिट होगा वही आगे की यात्रा तये कर पायेगा।.....
भाग 3 समाप्त।।
(आगे की कहानी के लिए बने रहिये मेरे साथ)
दिनाँक 30 जून 2020 समय 2.45 दोपहर
अमित सगार(गोरखपरी)
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