ईद
मुबारक हो सभी को ईद आयी है।
हमेशा की तरहा,खुशियां हज़ार लायी है।
नवाजें होने लगी है बड़ी धूम धाम से ।
रमजान ख़त्म होने के बाद आज ईद आयी है।।
बच्चों में बहोत उमंग है,ईद आयी है।
उनके लिए सिवइयां,मिठाइयाँ और ईदी लायी है।
गले मिल रहें हैं एक दूसरे से सब।
भुला के सारे गीले शिकवे,प्यार की ईद आयी है।।
अम्मी के हाथों की सिवइयां,क्या लज़ीज़ लगतीं है।
अब्बा का गले लगा के ईदी देना,बड़ा शुकुन देती है।
रौनके जहाँ है आज चारो तरफ ।
खुशियां हज़ारों आज ईद लायी ही।।
पकवानों की आज बहार सी है।
तरह तरह की सिवइयों की खुमार सी है।
रंग बिरंगे कपड़ों में झूम रहे है बच्चें।
घर के बुजुर्ग भी दुआएं दे रहे है।।
सब्र और संतोष का त्यौहार है ईद।
भाई चारे और प्रेम का त्यौहार है ईद।
मानतें है सभी, बड़ी शीदत्त से इसे।
मीठे पकवानों का त्यौहार है ईद।।
दिनाँक-25मई2020 समय-12.00 सुबह
रचना(लेखक)
सागर
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