घर
घर |
दौड़ रहा था,ज़माने के साथ।
बहोत दूर निकल गया।
पीछे जो देखा ,मुड़ के तो।
घर तो वही रह गया।।
घर से दूर अपने।
अब सोचता हूँ तो ,डर लगता है।
पहोचुंगा कैसे घर अपने।
पीछे जो देखा मुड़के तो
घर तो वहीँ रह गया।
याद आते है मुझे,सब रिश्ते।
मैं कैसे भूल गया,उनको।
माफ़ कर देंगे ,क्या सब मुझे।
क्या लौट चले घर को।
अब सोचता हूं ,तो डर लगता है।
पहोचुंगा कैसे घर अपने।।
याद आती है मुझे, बच्चपन की ओ यादें।
लड़ना, झगड़ना अपनों से।
माँ का आँचल पिता की उंगली।
कैसे छूट गया सब मुझसे।
क्या इतना तेज़ दौड़ा मै,सब छूट गया मुझसे।
माफ़ कर देंगे ,क्या सब मुझे ।
क्या लौट चले घर को।।
दिनाक-09मई2020 रचना-(लेखक)-अमित कुमार सागर
समय- 11.00सुबह
Englis translate
Home
Was running, with time.
A lot went away.
If you looked back, then you turned around.
The house remained the same.
Was not thinking when I left
Away from home
Now I think, I am scared.
How to reach home
If you look back
The house remained there.
I miss all relationships.
How I forgot them.
Will forgive you, all of me.
Should I return home?
Now I think, I am scared.
How to reach home
I miss you, O memories of my childhood.
Fight, fight with loved ones.
Mother's finger, father's finger.
How I missed everything.
Did I run so fast, everyone missed me.
Will forgive you, all of me.
Should I return home?
Very nice
जवाब देंहटाएं