हिन्दी कहानी
घूँघट(अनदेखा रिश्ता)
Veil(undiscovered relationship)
भाग 5
भीड़ से निकल कर दोनों गलती से एक दूसरे की पत्नी का हाथ पकड़ते है अंकित ने रचना का हाथ पकड़ा और रोहन ने रोशनी का हाथ पकड़ा और यहीं से इनकी पत्नियां एक दूसरे के साथ एक्सचेंज हो जाती है अंकित और रोहन के घर पर तो अफरा तफरी मची हुई थी पर रोशनी और रचना की हालत भी कुछ ठीक नहीं थी दोनों घबराई और सहम सी गयी थी।
अंकित और रोहन जैसे अपने कमरे में जाते है तभी रचना, अंकित से और रोशनी, रोहन से लिपट के रोने लगती है उन्हें देखकर अंकित और रोहन की भी आँखे आँसुओं से भर जाती है वो उन्हें बहुत समझते है अंकित और रोहन की माँ भी बहुत परेशान है उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करें तभी उनके मन में ख्याल आता है और वो बहू के कमरे में जाती है लेकिन बहू को रोता देख उसे गले लगा लेती है अंकित और रोहन की माँ अपनी बहू से पूछती है की क्या तुम अपने घर जाना चाहती हो, रचना और रोशनी दोनों अंकित और रोहन की तरफ देखती है और उनके आँखों से आशुओं की बरसात होने लगती है माँ समझ जाती है कि दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे है।
रचना और रोशनी को कोई फर्क नही पड़ रहा था कि ओ किसके साथ है क्योंकि शादी तो उनकी ऐसे इंसान से हुई
थी जिसे उन्होंने कभी देखा तक नहीं था लेकिन अब ,रचना
अंकित के साथ और रोशनी, रोहन के साथ बहुत खुश थी।
लेकिन हमारे रूढ़िबदी समाज में प्यार की कोई जगह नही है
आखिर कर अंकित और रोहन की माँ ने रोशनी और रचना के घर का पता लगा ही लिया और उनके माता पिता से बात करके रचना और रोशनी को उनके उस पति के हवाले सौपना चाहती थी जिसे उन्होंने कभी देखा ही नहीं था और जिसे पहली बार देखा और प्यार हो गया वो उनके पति नहीं थे फिर भी वो दोनों बहुत खुश थी और इनही के साथ जीना और मारना चाहती थी और यही हुआ ।
भाग 5 समाप्त।।
(आगे की कहानी के लिए बने रहिये मेरे साथ)
दिनाँक 07 जुलाई 2020 समय 7.30 शाम
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