Hello friends my name is Amit Kumar Sagar and I am a government employee, with this platform, I will tell my thoughts, my poems, stories, shayari, jokes, articles, as well as my hobbies.

Breaking

Translate

शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

हिंदी कहानी भटकती आत्मा(मंगला की) भाग 1 (Wandering soul (of Mangala)

               हिन्दी कहानी

        भटकती आत्मा(मंगला की)

 (Wandering soul (of Mangala)

                         भाग 1


 तारीख   9 जनवरी 1991

 समय  -  शाम के 4.15 मिनट

 स्थान-   गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) भारत

 दोस्त-    अमित, इक़बाल ,मंगला और

 इक़बाल की बहन( रज़िया)


 शाम के 3.45 का समय था अमित अपने पिता जी से कहता है कि मैं स्टेडियम जा रहा हूँ ,पिता जी ने कहा जल्दी लौटना आज ठण्ड बहुत है अमित ने अच्छा पिता जी,कह कर अपनी साईकिल उठाई और स्टेडियम की ओर चल दिया,स्टेडियम की दुरी अमित के घर से 5 किलोमीटर थी और वो शाम के 4 बजके 15 मिनट पर स्टेडियम पहुँचा था चारो तरफ मैदान में कोहरा छाया हुआ था।
 अमित बास्केटबॉल कोर्ट की तरफ बढा ही था की  कोर्ट पर अमित की मुलाकात इक़बाल से होती है इक़बाल हैंडबाल का एक अच्छा खिलाडी था और वो अमित से पूछता है तुम किस खेल से हो, अमित कहता है किसी खेल से नहीं पर मुझे बास्केटबॉल खेलना है तभी इक़बाल  अमित से कहता तुम मेरे साथ हैण्डबाल खेलो और अमित मान जाता है ।
 इक़बाल का घर स्टेडियम और अमित के घर के बीच में रेलवे कालोनी के अन्दर था खेल से हुई  अमित और इक़बाल की मुलाकात दोस्ती में बदल गयी थी और इनकी दोस्ती पुरे स्टेडियम में मशहूर थी ये दोनों  हैंडबॉल के बेहतरीन खिलाडी थे हर रोज शाम को खेल ख़त्म होने के बाद अमित इक़बाल के घर जाया करता था और हर रोज चाय नास्ता कराने के बाद ही इक़बाल , अमित को घर जाने देता था इक़बाल को अमित के घर की आर्थिक स्थिति मालूम थी और वो अमित की बहुत मदत करता था अमित और इक़बाल की दोस्ती को तक़रीबन 5 साल हो चुके थे। 
 एक दिन अचानक साल 1996 तारीख 28 दिसम्बर शाम के 6.14 मिनट और दिन शनिवार था अमित और इक़बाल स्टेडियम से घर लौट रहे थे  अमित को उस दिन जल्दी घर पहुंचनात था लेकिन इक़बाल ज़िद करने लगता है कि घर चाय पीकर जाना ,दोनों अपनी साईकिल घुमा लेते है घर पहुंचते ही इक़बाल के कमरे से धुंआ निकलता देख दोनों कमरे की तरफ दौड़ते है।।


 भाग 1 समाप्त।।


 (आगे की कहानी के लिए बने रहिये मेरे साथ)

 दिनाँक  07 जुलाई 2020  समय  4.53 शाम

 

 रचना(लेखक)

 अमित सागर(गोरखपुरी)



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Most Recent post

लेखक !! Poem on Writer by sagar gorakhpuri !! लेखक पर कविता !! Poem on behalf of All Writer !! लेखक हिंदी कविता !! लेखक पर सबसे अच्छी कविता !!

     लेखक मैं जन्मा जिस तरह उस तरह मरना नही चाहता हूँ। मैं लेखक हूँ सियाही से खुद की उम्र लिखना चाहता हूं। खुद के ख्वाहिशों के लिए अब वक़्त न...