पंखा
सुकून दे रहा था मुझे।खुद घूमें जा रहा था।
गर्म हो रहा था खुद मगर।
मुझे ठंडक दिए जा रहा था।
कुछ और नहीं ,ये मेरा पंख है।।
थकता नहीं है घूमने से ओ।
जब तक हम ना कर दे उसे बंद।
कुछ ना कहता बस घूमता ही रहता।
सुबह,दोपहर,शाम फिर रात।
कुछ और नहीं ये मेरा पंखा है।।
कभी खटखट ,कभी कटकट।
कभी आराम से ये चलता है।
परेशानियाँ चाहे जितनी भी हो।
हमें हवा हमेशा देता है।
कुछ और नहीं ये मेरा पंखा है।।
आदत हो गयी है हमें इसकी ।
और इसको हो गयी हैं हमारी।
हम जाते है तो ये बंद रहता है।
आते ही ये फिर चलता है।।
कुछ और नहीं ये मेरा पंखा है।।
दिनाँक -09जून 2020 समय- 8.00 सुबह
रचना(लेखक) अमित कुमार सागर
English translate
Fan
Was comforting me.
I was going around myself.
The manger himself was getting hot.
I was being given a cold.
Nothing else, this is my wing.
Do not get tired of walking.
Until we stop it.
He would not keep saying anything and just keep moving around.
Morning, afternoon, evening then night.
Nothing else is my fan.
Sometimes knocking, sometimes knocking.
Sometimes it works comfortably.
Whatever be the problems.
Always gives us air.
Nothing else is my fan.
We have become used to it.
And it has become ours.
When we go, it remains closed.
It runs again as soon as it arrives.
Nothing else is my fan.
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