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रविवार, 21 जून 2020

पिता Father

                         पिता(Father)

थाम लेता था उँगलियाँ उनकी।

जब भी कभी मै डर जाता था।

हलकी ही मुस्कान देखकर उनकी।

मै भी थोड़ा हंस देता था।

पिता की ऊँगली पकड़ कर मैं भी।

सारा जग मै घूम आता था।

थके हो चाहे खुद  जितना भी।

पर हमको कभी ना बताते ओ।

माँ जो कहती दूध ले आओ।

बिन पूछे कुछ, चल देतें ओ।।

कंधो पे बिठा के बाजार गुमातें।

अपने गोद में हमें सुलाते ओ।

नींद हमारी खुल जाये ना कहीं तो।

धीरे से थपकियाँ लगाते ओ।।

लोरी सुनना उनको आती नहीं।

फिर भी हमें लोरी सुनाते ओ।

नींद चाहे उन्हें खुद आती हो।

थपकी फिर भी लगाते ओ।।

पिता कहते है जिसे हम सब।

मै कहता हूँ मेरे भगवान है ये।

हर पल खड़े रहतें है साथ मेरे।

चाहे धुप हो,चाहे हो छाओं।।

साथ पिता का मिले सदा।

हर जन्म में हो इनका ही साथ।

सत सत नमन,इन्हें सौ  मेरा।

सत सत नमन इन्हें सौ बार ।।

   

          दिनाँक 21 जून 2020  समय  9.45 रात्रि

                              रचना(लेखक)

                      अमित सागर (गोरखपुरी)


                         English translate


                                   Father

 He used to hold his fingers.


 Whenever I was afraid.


 Seeing his light smile


 I used to laugh a little bit too.


 I too hold my father's finger.


 The whole world used to roam.

 Be weary no matter what.


 But never tell us.


 Mother who says bring milk


 Without asking anything, let us go.

 Play market on the shoulder.


 Let us sleep in your lap.


 Sleep will open us somewhere.


 Slap gently.

 They do not know to listen to Lullaby.


 Still let us tell you Lori.


 Whether they sleep themselves.


 Still apply the pat.

 Father is what we all say.


 I say this is my god.


 Stand with me every moment.


 Whether it is sunken, whether it be camouflaged.

 Always meet the father.


 They should be with you in every birth.


 Good salute to them, my hundred.


 Good salute hundred times


         Date 21 June 2020 Time 9.45 pm

                      Composition(Author)

                   Amit Sagar(Gorakhpuri)

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