मन
मन में बहोत उलझने है।
पर सवाल है तेरे पास।
नजरें पूछती है हर बार मेरी।
खामोश होके तुझसे सवाल।।
ना जाने कियूं लगता है।
हर जबाब है तेरे पास।
इशारों को भी नहीं समझती।
टाल देती है हर बार।।
कहना है बहोत कुछ तुमसे।
पर उलझने है बे सुमार।
तू समझती नहीं जज्बात मेरे।
उलझती है तू हर बार।।
काश ऐसा हो तू सुने मुझे।
मै भी कहूँ तुझसे हर बात।
पर तू है कि समझती नहीं।
कैसे है मेरे अब हालात।।
मन में बहोत उलझन है ।
पर जबाब है तेरे पास।।
दिनाँक 09 जून 2020 समय -03.00 दोपहर
रचना(लेखक) अमित कुमार सागर(गोराखपुरी)
English translate
The mind
There are many problems in the mind.
But you have a question.
My eyes ask every time.
Your questions are silent.
I do not know
You have every answer
Do not even understand the gestures.
Every time it avoids.
Have to say something to you.
But it is difficult to get involved.
You do not understand my feelings
Every time you get entangled.
I wish you heard me.
I should also tell you everything.
But you do not understand that.
How are I now?
There is a lot of confusion in the mind.
But the answer is with you.
Shandaar kavitaae hae aapki sir..
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएं