हद से जादा
Over the limit
तुम तो हद से जादा उलझे रहे ,हमें आजमाने में।
हम तो हद से जादा गुजर गये, तुम्हे चाहने में।
किनारे बहोत थे,इश्क़ के इस भाँवर में।
तुम तो साथ रहे बस,कास्तियाँ डुबाने में।।
तुम्हें खेलने का शौक़ था, खिलौनों से।
हम थे की दिल लगा बैठे।
इश्क़ ना समझ था मेरा।
हम तो सब कुछ गवां बैठे।
तुम तो हद से जादा उलझे रहे ,हमें आजमाने में।।
खामोशियाँ ढूंढता है दिल मेरा।
अब किसी सहारे की ज़रूरत नहीं।
बंजर है अब मेरे दिल की ज़मी।
अब किसी बारिश की ज़रूरत नहीं।
तुम तो हद से जादा उलझे रहे,हमें आजमाने में।।
पतझड़ हो गयी है ज़िन्दगी मेरी।
बिराना पन है अब हर तरफ।
फिर भी सुकून है ज़िन्दगी में।
कि तू नहीं है अब कहीं मगर।
तुम तो हद से जादा उलझे रहे,हमें आजमाने में।।
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