तेरी दुनियां से
तेरी दुनियां चले जाना,आसान नहीं था।
हालात बनते चले गये, मै चलता चला गया।
तू लड़ती चली गये,मै चलता चला गया।
तेरी दुनियां से चले जाना आसान नही था।।
हर बात पे तुमको टोका करते थे।
हर चीज तुम्हे समझाते थे।
तुम थी की मुझे कभी समझी ही नहीं।
बस लड़ती थी,बस लड़ती थी।
तेरी दुनिया से चले जाना आसान नहीं था।
समझा होता मुझे, तुमने ऐ काश कहीं।
जो हालात है ओ होते ही नहीं।
तेरी ज़िद ने मुझे काफिर बना दिया।
मैं तो ऐसा कभी पहले था ही नहीं।
तेरी दुनियां से चले जाना आसान नहीं था।।
झूठे ही सही लेकिन कहा तो होता।
रुक जाऊंगी तेरे लिए,तूने बोला तो होता।
तुमने बना ली थी अपनी दुनियां नई।
मुझको तुमने कभी कहा ही नहीं।।
तेरी दुनियां से चले जाना आसान नहीं था।
हालात बनते चले गये,मैं चलता चला गया।।
दिनाँक 12 जून 2020 समय 12.05 दोपहर
रचना(लेखक)
अमित सागर(गोरखपुरी)
English translate
From your world
It was not easy to leave your world.Things went on and on and on.
You went on fighting, I went on walking.
It was not easy to leave your world.
Used to interrupt you on everything.
Used to explain everything to you.
You are that I did not understand.
Just fight, just fight.
It was not easy to leave your world.
I think I wish you were somewhere.
Whatever the situation is, it doesn't exist.
Your stubbornness made me a Kafir.
I have never been like this.
It was not easy to leave your world.
False but it would have been right.
I will stop for you, you would have spoken.
You had made your world new.
You never told me.
It was not easy to leave your world.
Things went on and on and on.
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