भ्रष्ट नेता
पहन  के सफ़ेद कुर्ता और पैजामा।
करता है सब ये काले काम ।
जनता का मसीहा कहते जिसको हम।
ले लेता है ये जनता की ही जान।।
करता है सब ये काले काम ।
जनता का मसीहा कहते जिसको हम।
ले लेता है ये जनता की ही जान।।
नेता कहते है हम सब जिसको।
गददी पर जिसे बिठाते हम।
देकर अपना वोट जिसे हम।
जनता का सेवक बनाते हम।।
खा जाता है सरकारी फंड हमारे।
कोई विकास  कार्य ना लाता ओ।
मिलना हो किसी काम से उससे तो।
 मिलने में भी नखरे दिखाता ओ।।
हमारे ही  वोट से  बना है ओ।
और हमें ही आँख दिखता है।
हाथ जोड़कर गुमा करता था।
अब गाड़ी से चक्कर लगाता है।।
भूल गया है सब वादे अपने।
अब केवल झूठे वादे करता है।
जाति, धर्म के नाम पर अब तो।
ये दंगें करवाता है।
झूठे वादे ,झूठे कसमे हर बार ये खाता है।
बेशर्मी इनकी देखो तो
 हर साल ये चला आता है।
झूठ बोल कर हाथ जोड़ कर
 पुरानी राग ओ गाता है ।।
बातों के जादूगर है ये बातों से ही जीत जाते है ।।
                  दिनाँक  23 जून 2020  समय  9.30 शाम
                                                  रचना (लेखक)
सागर (गोरखपुरी)
सागर (गोरखपुरी)








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